G20 Summit 2025 Highlights | भारत की भूमिका विस्तार से समझें

1. परिचय (≈ 350 शब्द)

G20 (Group of Twenty) दुनिया की 19 प्रमुख अर्थव्यवस्थाएँ + यूरोपीय संघ को मिलाकर बनता है, जो वैश्विक आर्थिक, राजनीतिक एवं सामाजिक नीतियों पर संवाद का मंच है। g20.in+2MEA India+2
2025 का G20 Summit 22–23 नवंबर को Johannesburg, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित होने वाला है। यह पहली बार होगा जब G20 का यह शिखर सम्मेलन अफ्रीकी महाद्वीप में आयोजित होगा। Wikipedia
इसका theme रखा गया है: “Solidarity, Equality, Sustainability” (एकता, समानता और स्थिरता) — जिसमें विकास, समान अवसर और जलवायु-स्थिरता जैसे मुद्दों को केंद्र में रखा जाएगा। Wikipedia+2g20.org+2

यह शिखर सम्मेलन एक समय बिंदु है, जहां विश्व नेताओं को अनेक चुनौतियाँ सामने होंगी — मुद्रास्फीति, ग्लोबल debt crisis, जलवायु परिवर्तन, food security, विकासशील देशों की आवाज़, और AI / डिजिटल गवर्नेंस जैसे विषयों पर सहमति बनाना।

भारत, एक उभरती वैश्विक शक्ति के रूप में, इस कार्यक्रम में passive observer नहीं बल्कि सक्रिय भूमिका निभाने वाला है। इस ब्लॉग में हम G20 2025 के मुख्य highlights जानेंगे और भारत की रणनीति, भागीदारी और चुनौतियों को विस्तार से समझेंगे।


2. G20 2025 Summit — मुख्य Highlights

2.1 Global Agenda & Priorities

  • Theme “Solidarity, Equality, Sustainability”: दक्षिण अफ्रीका ने इस थीम को चुनकर यह संदेश दिया है कि विकास को समावेशी, न्यायी एवं पर्यावरण-संवेदनशील तरीके से आगे बढ़ाया जाए। Wikipedia
  • Inclusive Growth & Reducing Inequality: समावेशी आर्थिक वृद्धि और अंतर देशों में inequality को कम करना मंच पर उच्च प्राथमिकता। Wikipedia
  • Food Security & Agriculture: विश्व खाद्य सुरक्षा विषय एक महत्वपूर्ण एजेंडा बिंदु होगा, खासकर उन देशों के लिए जिन्हें भूख और अस्थिर कृषि उपज से जूझना है। Wikipedia
  • AI, Innovation & Digital Governance: नई तकनीकों, AI regulation, data governance और उसके सामाजिक-नैतिक पहलुओं पर चर्चा होगी। Wikipedia
  • Climate Action & Sustainability: Paris Agreement के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने, emission reduction, और वित्तीय संसाधन साझा करने की दिशा में नवाचार प्रस्ताव होंगे।
  • Reform of Global Institutions / Debt Restructuring: International Monetary Fund (IMF), World Bank, WTO जैसे संस्थाओं में जवाबदेही और सुधार, तथा कर्ज़ बोझ पर राहत प्रस्ताव भी मुख्य议题 होंगे।

2.2 New Johannesburg Declaration (Theme)

शिखर सम्मेलन के समापन पर एक नई Johannesburg Declaration जारी होगी, जिसमें विकसित और विकासशील देशों के बीच सहयोग, सामाजिक न्याय, climate commitments तथा debt relief की binding समिति रखी जाएगी। इस घोषणा में Solidarity, Equality & Sustainability मुख्य धुरी होंगी। Wikipedia

यह घोषणा, पिछली presidencies की पहल (India, Brazil, Indonesia) को आगे बढ़ाने का माध्यम बनेगी, जिससे developing world की आवाज़ और शक्ति बढ़ेगी। Wikipedia+2g20.org+2

2.3 Key Agreements & Initiatives

  • South-South Cooperation Mechanisms: अफ्रीकी देशों और अन्य Global South राष्ट्रों के बीच निवेश, कृषि, टेक्नोलॉजी साझेदारी बढ़ाने की नई योजनाएँ प्रस्तावित होंगी।
  • Debt Relief / Restructuring Frameworks: उच्च कर्ज़ वाले देशों को राहत देने और कर्ज पुनर्संरचना की mechanism प्रस्तावित की जाएगी।
  • Green Finance & Renewable Energy Projects: निवेश को पुनर्स्थापित किया जाएगा ताकि renewable energy, climate-resilient infrastructure में अधिक संसाधन मिलें।
  • Digital / AI Governance Pact: एक framework बनेगा जो AI innovations को ethical तरीके से नियंत्रित करे और inequality न बढ़ाए।
  • Agricultural Resilience Programmes: खाद्य सुरक्षा और खेती को climate shocks से बचाने के लिए सहयोगी models, seed banks, और कृषि research साझा करना।
  • Gender Equality & Inclusive Policies: महिलाओं की भागीदारी, equal access to tech, finance inclusion पहलें प्रस्तावित होंगी।

इन सब agreements की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि सदस्य राष्ट्र कितनी पारस्परिक सहमति बना पाते हैं और किस हद तक binding commitments ले पाते हैं।


3. भारत की भूमिका — विस्तार से

भारत, एक मध्य-आय की अर्थव्यवस्था होते हुए, G20 मंच पर अपनी भूमिका बढ़ाने को तत्पर है। नीचे हम भारत की strategy, योगदान, लाभ और चुनौतियों को step-by-step देखें।

3.1 Diplomatic Strategy & Leadership

  • भारत लगातार non-alignment (निर्णयहीन नीति) को बनाए रखते हुए, G20 मंच पर एक bridge-builder की भूमिका निभाने का प्रयास करेगा — विकसित और विकासशील देशों के बीच।
  • वर्षों से भारत ने multilateral diplomacy को महत्व दिया है; G20 में वह consensus building और coalitions बनाने में सक्रिय भूमिका लेगा।
  • भारत का diplomatic outreach — जैसे bilateral meetings, side-events, track-2 diplomacy — summit के पहले से ही जोर पर रहेगा।
  • भारत, Global South या Global Majority देशों की आवाज़ को amplify करने की कोशिश करेगा, ताकि निर्णयों में उनकी हित भी शामिल हों।

3.2 Global South Voice & Reform Push

  • भारत जीरो-समझौते (Zero-debt / debt relief) और developing देशों को अधिक fiscal space देने की मांग करेगा।
  • World Bank / IMF reform की वकालत करेगा ताकि ये संस्थाएँ अधिक न्यायसंगत रूप से functioning करें।
  • India पहले ही भारत G20 presidency (2023) में Global Biofuel Alliance जैसी पहल को लेकर आगे आया था। Edelman Global Advisory+2g20.in+2
  • इसके अलावा, भारत विकासशील देशों के बीच technology transfer, clean energy access, और inclusive growth models साझा करने की पहल करेगा।

3.3 Bilateral Deals & Partnerships

  • Summit के sidelines में भारत कई महत्वपूर्ण bilateral deals finalize कर सकता है — जैसे infrastructure agreements, energy partnerships, defense cooperation।
  • उदाहरण स्वरूप, पिछले G20 (2023) में भारत और Saudi Arabia ने rail / shipping corridor की योजना पर सहमति की थी। Wikipedia+1
  • भारत अपनी वैश्विक connectivity (जनरल Eurasia corridor, digital corridors) को मजबूत करने का अवसर उपयोग करेगा।
  • साथ ही, भारत कई developing देशों के साथ capacity building, grants / concessional finance प्रस्ताव कर सकता है।

3.4 Challenges & Critiques

  • Consensus Building Difficulty: G20 में विभिन्न देशों की conflicting priorities होती हैं, जिससे binding commitments बनाना मुश्किल होता है।
  • Resource Constraints: भारत को चाहिए कि वह अपनी प्रस्तावित योजनाओं को वित्तीय संसाधन जुटाकर सक्षम करे।
  • Implementation Gap: Summit-level घोषणाएँ कर लेना आसान है, लेकिन ground-level implementation और monitoring challenge होगी।
  • Critiques of Showmanship: कुछ आलोचक यह कह सकते हैं कि पीएम मोदी या सरकार इसे राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करेगी, जैसा कि पहले देखा गया है। PBS+1
  • Geopolitical Pressures: भारत को अमेरिका, चीन, रूस जैसे शक्तिशाली देशों के बीच balance करना होगा और अपनी strategic autonomy बनाए रखनी होगी। Chatham House+1

4. अक्सर पूछे गए प्रश्न (FAQs)

Q1: G20 2025 कहाँ और कब हो रहा है?
A1: G20 2025 Summit Johannesburg, South Africa में आयोजित होगा, तिथियाँ हैं 22–23 नवंबर 2025Wikipedia

Q2: Summit का मुख्य theme क्या है?
A2: Theme रखा गया है “Solidarity, Equality, Sustainability” — अर्थात् एकजुटता, समानता और स्थिरता। Wikipedia

Q3: भारत G20 में क्या भूमिका निभाएगा?
A3: भारत एक सक्रिय भूमिका लेगा — diplomatic bridge-builder बनने से लेकर Global South की आवाज़ उठाने तक — bilateral deals, reform proposals और consensus building में।

Q4: क्या भारत की पूर्व G20 presidency का अनुभव मदद करेगा?
A4: हाँ, भारत ने 2023 में G20 अध्यक्षता की थी और उस दौरान Green Development, Biofuel Alliance जैसी पहलें की थीं। यह अनुभव भारत को current summit में बेहतर पहलें करने में सक्षम करेगा। MEA India+3Edelman Global Advisory+3g20.in+3

Q5: G20 summit के announcements भारत के लिए कैसे लाभदायक होंगे?
A5: भारत को trade, investment, infrastructure funding, technology transfer और climate finance में नए अवसर मिल सकते हैं अगर वह strategic alignment बनाए रखे।


5. निष्कर्ष (≈ 250 शब्द)

G20 Summit 2025 — Johannesburg में — वैश्विक चुनौतियों और अवसरों का प्रभावशाली मंच होगा। इस आयोजन के मुख्य विषय होंगे solidarity, equality, sustainability — जो विकास, न्याय और पर्यावरण संवेदनशील नीतियों को जोड़ते हैं।

भारत, एक प्रमुख उभरती शक्ति, passive spectator नहीं बल्कि सक्रिय भूमिका निभाने जा रहा है। उसकी रणनीति bridging, reform push, Global South की आवाज़ को amplify करना और bilateral deals finalize करना शामिल है। पिछले अनुभव (2023 G20 presidency) ने उसे बेहतर groundwork और international credibility दी है।

हालांकि चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं — diverse priorities वाले देशों के बीच consensus बनाना, घोषणाओं को ground-level implement करना, geopolitical pressures आदि। यदि भारत इन चुनौतियों को समझदारी से संभाले और अपने राष्ट्रहित को सावधानीपूर्वक संतुलित रखे, तो यह G20 उसकी वैश्विक पहचान को एक नया मुकाम देगा।

इस तरह, G20 2025 सिर्फ global summit नहीं है — यह भारत के लिए एक अवसर है कि वह विश्व मंच पर अपनी महत्वाकांक्षा को और अधिक मजबूती से पेश करे, और विकासशील देशों की voice को निर्णायक रूप से शामिल कराए।

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